उत्तरप्रदेश

अमेठी हत्याकांड: गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल गया जिला, मकान की दीवार से कूदकर भागे बदमाश

अमेठी जिले के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के अहोरवा भवानी चौराहे पर सरेशाम शिक्षक परिवार की हत्या ने सनसनी फैला दी। घटनास्थल के आसपास घंटों अफरातफरी का माहौल रहा। बेटियों के हाथ में दस-दस रुपये के नोट मिले हैं।
अमेठी हत्याकांड: गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल गया जिला, मकान की दीवार से कूदकर भागे बदमाश

अमेठी जिले के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के अहोरवा भवानी चौराहे पर सरेशाम शिक्षक परिवार की हत्या ने सनसनी फैला दी। घटनास्थल के आसपास घंटों अफरातफरी का माहौल रहा। बेटियों के हाथ में दस-दस रुपये के नोट मिले हैं। आशंका है कि पैसों का लालच देकर बदमाश उन्हें बाहर भेजने का प्रयास कर रहे थे। जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है, उससे लगता है कि पहले रेकी की गई।

रायबरेली जिले के गदागंज थाना क्षेत्र के सुदामापुर गांव के रहने वाले शिक्षक सुनील कुमार शिवरतनगंज क्षेत्र के पन्हौना गांव के प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। करीब तीन माह पहले शिक्षक अहोरवा भवानी चौराहे पर मुन्ना अवस्थी के मकान में किराए पर सुनील कुमार (36) अपनी पत्नी पूनम भारती (30) और बेटी सृष्टि (6) के साथ दो साल की समीक्षा उर्फ लाडो के साथ रहते थे। शाम करीब सात बजे असलहाधारी हत्यारे गैलरी से कमरे के अंदर पहुंचे और शिक्षक समेत पूरे परिवार को गोलियों से भून डाला। इसके बाद हत्यारे मकान की पीछे की दीवार से कूदकर भाग गए। मकान के बाहर दुकानें बनी हुई हैं। शाम को सभी दुकानें भी खुली थीं लेकिन किसी की नजर शिक्षक के घर के जाते समय हत्यारों पर नहीं पड़ी।

मकान की ओर भागे दुकानदार

गोलियों की आवाज सुनकर दुकानदार दुकानें छोड़कर बाहर की ओर से भागे। मेडिकल स्टोर चलाने वाले अमित शिक्षक के घर पहुंचे तो कमरे का नजारा देखकर वह अवाक रह गए। उनके शोर मचाने पर कई दुकानदार मौके पर पहुंच गए। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी तो अमेठी डीएम निशा अनंत के साथ एसपी अनूप सिंह के साथ कई थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई।

क्या गोलियों की आवाज सुनकर आई थीं बच्चियां

घटनास्थल पर दो बेटियों की लाश मिली है। उनके हाथ में दस-दस रुपये के नोट थे। आशंका है कि बदमाशों ने बेटियों को पैसे देकर बाहर भेजा होगा। गोली की आवाज सुनकर बेटियां आ गईं तो फिर उन पर भी फायरिंग कर दी। इसमें दोनों बेटियों की जान चली गई। हालांकि इस पर कोई बात नहीं कर रहा है। हत्यारों को दो साल की मासूम बेटी पर भी दया नहीं आई। शव देखकर हर किसी की आंखे डबडबा आई। एक साथ दो मासूमों के शव देखकर हर कोई सहम गया।

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आबादी के बीच दुस्साहसिक वारदात

अहोरवा भवानी बीच चौराहे पर हत्यारे दुस्साहिक वारदात को अंजाम देकर चले गए और इसकी कानोंकान किसी को भनक तक नहीं लगी।शिक्षक के घर के बाहर बनी दुकानों में गुरुवार की शाम चहलकदमी भी थी लेकिन उसके बावजूद किसी की नजर उन पर नहीं पड़ी। हत्यारों ने बड़े ही शातिराना अंदाजा में चार-चार लोगों की हत्या करके निकल गए और उनका कोई सुराग तक नहीं छोड़ा।

सीसीटीवी कैमरों की खंगाली जा रही फुटेज

अहरोवा भवानी कस्बे में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में पुलिस की टीम जुट गई है। शिक्षक के घर से कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कुछ फुटेज मिली है, लेकिन उनसे हत्यारों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है। इसके बाद पुलिस ने शाम को चौराहे पर मौजूद लोगों से आने वाले लोगों के माध्यम से पहचान करने में जुटी हुई है।

कॉल डिटेल खंगाली जा रही

एसपी अनूप सिंह ने सर्विलांस टीम को निर्देशित करते हुए मोबाइल फोन की लोकेशन और शिक्षक के मोबाइल फोन पर आई कॉल डिटेल खंगालने के निर्देश दिए है। इसमें शिक्षक के मोबाइल फोन पर गुरुवार के दिन आई कॉल की रिकार्डिंग खंगाली जा रही है, इसमें कुछ नंबर पुलिस को संदिग्ध भी मिले है। पुलिस ने शिक्षक के मोबाइल फोन पर आई संदिग्ध नंबरों की पहचान करने के बाद उनका डाटा खंगाल रही है। इसके साथ ही शिक्षक के पिछले दो माह के अंदर आए फोन की सभी कॉल डिटेल खंगालने में पुलिस महकमा जुट गया है।

रेकी के बाद वारदात को दिया गया अंजाम

सरेशाम शिक्षक और उसके परिवार की हत्या के पहले हत्यारों ने रेकी की। जांच में जुटी पुलिस टीम का कहना है कि रेकी करने के बाद ही शिक्षक व उसके परिवार की हत्या की गई है। इसमें हत्यारों ने कई दिनों तक शिक्षक के घर आने और जाने के साथ घर में किस समय तक कौन आता है और कौन जाता है, इसकी भी रेकी की गई। बड़े ही शातिराना अंदाज में पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दिया गया।

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हत्यारों की क्रूरता के पीछे छिपा है राज

हत्यारों ने जिस तरह से दंपति के साथ ही उनके दो मासूमों को कत्ल कर दिया, उससे साफ है कि उनका इरादा शिक्षक के पूरे परिवार को खत्म करना ही था। एक साथ चार लोगों को गोली मारना और उसमें भी दो मासूम बच्चे शामिल हो। इस हत्याकांड के समय व तरीका साफ कह रहा है कि हत्यारे पूरी प्लानिंग से आए थे। किसी भी सूरत में वह परिवार को छोड़ने वाले नहीं थे। उनकी क्रूरता के पीछे ही हत्या का राज छिपा हुआ है।

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