ये हैं बच्चों की वो 5 कॉमन बुरी आदतें जो दिमाग पर डालती हैं बुरा असर, पढ़ाई से दूर हो जाते हैं बच्चे

व्यक्ति चाहे छोटा हो या बड़ा, उसके स्वभाव में अच्छी और बुरी दोनों तरह की आदतें शामिल होती हैं। अच्छी आदतें लोगों के बीच उसकी प्रशंसा करवाती हैं जबकि बुरी आदतों की वजह से उसे निंदा का मुंह देखा पड़ता है। यही आदतें व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने और बिगाड़ने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। हालांकि कुछ आदतें समय के साथ खत्म हो जाती हैं, तो वहीं कुछ आदतें कभी नहीं जाती। बड़े लोगों के लिए अपनी इन आदतों को बदल पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन बच्चे समय रहते इन बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते हैं। बच्चे बुरी आदतें बहुत कम उम्र में सीख जाते हैं। जिसका उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ सकता है और वो पढ़ाई से भी दूर होने लगते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि बच्चों की बुरी आदतों को समय रहते ही खत्म कर देना चाहिए। आइए जानते हैं बच्चों की ऐसी ही 5 कॉमन बुरी आदतों के बारे में, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर डालकर उन्हें पढ़ाई से दूर कर देती हैं।
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जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम
आज के समय को स्मार्ट युग कहा जाए तो गलत नहीं होगा। आज ऑनलाइन क्लास से लेकर मोबाइल पर गेम खेलने तक के लिए छोटे-छोटे बच्चे स्मार्टफोन और कंप्यूटर का यूज करते हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टेलीविजन की स्क्रीन के संपर्क में रहने से आंखों में तनाव, सिरदर्द और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। जिसका सीधा असर बच्चों की सेहत के साथ उनकी पढ़ाई पर भी पड़ने लगेगा।
खराब नींद
अच्छी नींद नहीं लेने वाले बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ सकता है। दरअसल, नींद की कमी से बच्चे थके हुए और चिड़चिड़े हो जाते हैं। जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई के दौरान ध्यान लगाने, याद करने और व्यवहार में समस्या हो सकती है। जिससे उनके स्कूल में प्रदर्शन पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
अनहेल्दी फूड
अनहेल्दी फ़ूड खाने से भी बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में कहा गया कि जो बच्चे ज्यादातर फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करते हैं, उनकी शैक्षणिक उपलब्धि उन बच्चों से कम होती है जो स्वस्थ आहार खाते हैं। बता दें, जंक फूड खाने से बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।
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शारीरिक गतिविधि का अभाव
मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है, क्योंकि यह रक्त प्रवाह में सुधार करके नई मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा ज्यादातर समय घर पर मोबाइल लेकर बैठा रहता है और उसकी शारीरिक गतिविधि बहुत कम है तो उसे घर से बाहर पार्क में दोस्तों के साथ खेलने के लिए भेजें।
टालमटोल करने की आदत
कार्यों को टालने से तनाव और चिंता बढ़ सकती है, जिससे ध्यान केंद्रित करना और प्रभावी ढंग से सीखना मुश्किल हो जाता है। अगर आपके बच्चे में भी यह आदत है तो उसे बदलने की कोशिश तुरंत शुरू कर दें।