Parenting Tips: स्कूल से आने के बाद बच्चों से जरूर करवाएं ये 5 काम, पढ़ाई ही नहीं जिंदगी में भी करेगा टॉप
बच्चों की हॉलिस्टिक ग्रोथ के लिए फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना भी जरूरी है। आज हम आपके लिए कुछ एक्टिविटीज लेकर आए हैं जो आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ बूस्ट करने में काफी मदद करेंगी।
बच्चों की होलिस्टिक ग्रोथ यानी संपूर्ण विकास के लिए उनके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। जिस तरह से शरीर को हेल्दी रखने के लिए अच्छे खान-पान के साथ योग और एक्सरसाइज की जरूरत पड़ती है। ठीक उसी तरह दिमाग को हेल्दी रखने के लिए भी ब्रेन एक्सरसाइज की जरूरत पड़ती है। बच्चों के मानसिक विकास के लिए उन्हें सिर्फ स्कूल भेज देना ही काफी नहीं है। इसके लिए आपको भी थोड़ा ध्यान देना होगा। बच्चों के दिमाग को शार्प और हेल्दी बनाने के लिए आप उनसे घर पर डेली कुछ ना कुछ ब्रेन एक्टिविटीज करा सकते हैं। इससे बच्चों का एंटरटेनमेंट भी होगा और साथ ही उनका माइंड भी शार्प होगा। तो चलिए आज ऐसी ही कुछ फायदेमंद और मजेदार एक्टिविटीज पर नजर डालते हैं।
बच्चे एंजॉय करेंगे क्रिएटिव एक्टिविटीज
स्कूल में 5-6 घंटे लगातार पढ़ाई करने के बाद जब बच्चा घर आए और उसे अगर फिर से पढ़ने के लिए बिठा दिया जाए, तो जाहिर है बच्चा पढ़ाई से मन चुराएगा ही। ऐसे में स्कूल से आने के बाद बच्चों को कुछ देर के लिए क्रिएटिव एक्टिविटीज में इंवॉल्व करें। आप बच्चों को अपनी हॉबीज के अकॉर्डिंग एक्टिविटीज पिक करने में हेल्प कर सकते हैं। फिर वो कुछ भी हो सकता है जैसे – डांस, क्राफ्ट मेकिंग, पेंटिंग, ड्राइंग या कुछ और। इससे बच्चों का दिमाग रिफ्रेश होगा, साथ ही बच्चों की मेंटल ग्रोथ के लिए भी ये काफी हेल्पफुल है।
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पावर नैप है बहुत जरूरी
वैसे तो पावर नैप हर किसी के लिए जरूरी है लेकिन बच्चों के केस में अक्सर पैरेंट्स ये भूल कर जाते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चे को पावर नैप की कोई खास जरूरत नहीं है, जबकि ये उनकी मेंटल ग्रोथ में बहुत पॉजिटिव रोल प्ले करता है। स्कूल जाने वाले बच्चे सुबह जल्दी उठ जाते हैं। इसके बाद स्कूल जाकर वहां पढ़ाई और खेल-कूद करने से बच्चे थक जाते हैं। ऐसे में स्कूल से आने के बाद उन्हें थोड़ी देर के लिए पावर नैप जरूर दिलाना चाहिए। इससे बच्चों की थकान तो दूर होगी ही, साथ ही माइंड भी रिफ्रेश हो जाएगा। इसके बाद बच्चा पढ़ाई और अन्य चीजों पर अच्छे से फोकस कर पाएगा।
माइंड गेम से शार्प होगा बच्चों का दिमाग
बच्चों के दिमाग को एक्टिव और शार्प बनाने के लिए आप उन्हें माइंड गेम्स में भी इंवॉल्व कर सकते हैं। बोर्ड गेम्स, सुडोकू गेम, पहेली, क्रॉस वर्ड, चेस आदि कुछ ऐसे माइंड गेम्स हैं जिन्हें खेलने से बच्चों का माइंड तो शार्प होता ही है इसके साथ ही उनकी डिसिजन मेकिंग स्किल्स, रीजनिंग स्किल्स और ऑब्जरवेशनल स्किल्स भी स्ट्रॉन्ग होती हैं।
जनरल नॉलेज से कराएं अवेयर
बच्चों के मानसिक विकास के लिए उन्हें सिर्फ किताबी ज्ञान देना काफी नहीं है। किताबी नॉलेज के साथ ही उन्हें देश और दुनियां की जानकारी होना भी जरूरी है। बच्चों के माइंड को स्ट्रांग बनाने के लिए और उनकी अवेयरनेस को बढ़ाने के लिए आप जनरल नॉलेज क्विज खेल सकते हैं। इसके लिए आप अलग-अलग सवालों की लिस्ट तैयार कर के बच्चों को उनके जवाब ढूंढने के लिए बोल सकते हैं। क्विज के जवाब ढूंढने में बच्चों को मजा भी आएगा, साथ ही उनकी नॉलेज भी बढ़ेगी।
कहानी के जरिए दें नई चीजों की जानकारी
बच्चों को कहानी सुनना बहुत पसंद होता है। कहानी में बताई गई चीजों पर बच्चा इतना गौर करता है कि ये बातें उसके दिमाग में छप जाती हैं। ऐसे में आप कहानी के जरिए ही बच्चों को नई-नई चीजों के बारे में और नए-नए शब्दों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। ऐसा करने से बच्चों में नई चीजों को जानने की उत्सुकता भी बढ़ेगी, जिससे उनका मानसिक विकास होगा।
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