घाटों, सड़कों और पुलों के कार्यों का गहन निरीक्षण, कार्यों में तेजी और गुणवत्ता पर जोर: डॉ आर राजेश कुमार
-कुंभ 2027 और चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी धामी सरकार, सचिव डॉ. राजेश कुमार ने किया हरिद्वार/ऋषिकेश में कई जगहों का स्थलीय निरीक्षण
-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तैयारियों में तेजी, कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ज़ोर
-श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता, पुराने पुलों का होगा पुनर्निर्माण- डॉ आर राजेश कुमार
देहरादून/तहलका न्यूज़18
देहरादून : चारधाम यात्रा और हरिद्वार में वर्ष 2027 में होने जा रहे कुंभ मेला की तैयारियों को लेकर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं सिंचाई डॉ. आर. राजेश कुमार ने हरिद्वार पहुंचकर संबंधित अधिकारियों के साथ व्यापक स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रस्तावित घाटों, सड़कों, पुलों, निर्माण कार्यों और बुनियादी ढांचे की तैयारियों का जायज़ा लिया गया। डॉ. कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और सभी कार्य निर्धारित समय सीमा और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी/मेलाधिकारी, उप-जिलाधिकारी, मुख्य अभियंता सिंचाई और सिंचाई अभियंता भी मौजूद रहे। मौके पर मौजूद अभियंताओं ने जानकारी दी कि कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में एक वर्ष से अधिक का समय लग सकता है तथा कई कार्य केवल नहरबंदी के दौरान ही संभव हैं। इस पर सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए उचित प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर मेला कार्यालय को सौंपे जाएं और प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति की प्रक्रिया इस वर्ष के भीतर पूरी कर ली जाए, ताकि निर्माण कार्य समय पर शुरू हो सके।
इसके साथ ही डॉ. आर. राजेश कुमार ने डाम कोठी में एक उच्चस्तरीय बैठक भी ली, जिसमें अर्धकुंभ को कुंभ मेले की तर्ज पर दिव्य और भव्य तरीके से कराने की रूपरेखा पर चर्चा की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि गंगा स्नान और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए 104 घाटों (कुल लंबाई 12.3 किमी) की मरम्मत और सौंदर्यीकरण चरणबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए। घाटों की प्राथमिकता तय कर कार्य को समयबद्ध और सुरक्षित तरीके से अंजाम देने पर ज़ोर दिया गया। डॉ. कुमार ने मायापुर बैराज से जटवाड़ा पुल तक लगभग 3.5 किमी और वैरागी कैंप क्षेत्र में लगभग 2 किमी नए घाटों के निर्माण के लिए ठोस और वैज्ञानिक प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने स्लोब की स्थिरता, संरचनात्मक सामर्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए नए घाटों के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया। निरीक्षण के दौरान खड़खड़ी क्षेत्र में सूखी नदी पर एक नए पुल और धनौरी-सिडकुल रोड पर 170 साल पुराने जर्जर पुल के स्थान पर नया पुल बनाने के लिए भी तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। साथ ही सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाली 26 किमी सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्य को भी शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया गया।
निरीक्षण के दौरान जिन कार्यों का गहन अवलोकन किया गया, उनमें शामिल हैंः
1. खड़खड़ी में प्रस्तावित बॉक्स कलवर्ट
2. चमगादड़ टापू व पन्तद्वीप क्षेत्र में टाइलिंग कार्य
3. भीमगोडा पुल के निकट घाटों की मरम्मत
4. ऋषिकुल पुल के पास नए घाटों के लिए स्थल निरीक्षण
5. कांवड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण
6. धनौरी-सिडकुल रोड का निरीक्षण
7. पथरी रौ नदी के पास गंगनहर पर 90 मीटर लंबे प्रस्तावित पुल का निरीक्षण
8. स्कैप चैनल पर श्री यंत्र पुल के पास नए घाटों के प्रस्ताव का मूल्यांकन