मडुआ: कई मर्ज की दवा है ये सुपरफूड
देहरादून/तहलका न्यूज़18
सर्दी के इस मौसम में खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. भयंकर शीतलहर के बीच ऐसे खाद्य पद्यार्थों का सेवन करना चाहिए जिनसे शरीर को गर्माहट मिले और वह ठंड से मुकाबला कर सके. न्यूट्रीनिस्ट इसके लिए ऐसी डाइट पर जोर देते हैं, जो सर्दी में असरदार होने के साथ-साथ सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद हो. मडुआ या रागी का सेवन इस लिहाज से बेहद लाभदायक है. आमतौर पर लोग इसके फायदे से अंजान हैं. लेकिन आयुर्वेद में इसके सेवन से कई फायदे बताए गए हैं. इसके बाद अब डाइटिशियन और न्यूट्रीनिस्ट भी इसके सेवन की सलाह दे रहे हैं।
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मडुआ और रागी को कई अलग-अलग स्थानीय नामों से जाना जाता है. उत्तराखंड के कुमांऊ में क्षेत्र में इसे मडुआ के नाम से जाना जाता है. वहीं तेलगु और कन्नड़ भाषा में इसे रागी के नाम से जाना जाता है. रागी या मडुआ के आटा पोष्टिक तत्वों से भरपूर अनाज की एक किस्म है जिसका इस्तेमाल रोटी, सूप, जूस, उपमा, डोसा, केक, चॉकलेट, बिस्किटस, चिप्स, और आर्युवेदिक दवा के रूप में होता है. कई घरों में मडुए के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिलाकर रोटी बनाकर खाई जाती है. ये शरीर को कई बीमारियों से निजात दिलाता है. मडुआ के आटे में केल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, आयरन, मिथियोनिन, रेशे, लेशिथिन जैसे पौष्टिक तत्व पाएं जाते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. केएस सोनी बताते हैं कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में मडुआ को लेकर कई फायदेमंद बातें बताई गई हैं. मडुआ के सेवन से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या खत्म होती है, शारीरिक कमजोरी दूर हो सकती है और कफ दोष को ठीक किया जा सकता है. मडुआ का प्रयोग मूत्र रोग को ठीक करने, शरीर की गंदगी साफ करने के लिए भी कर सकते हैं। शरीर की जलन, त्वचा विकार, किडनी या पथरी की समस्या में भी मडुआ का सेवन लाभकारी होता है.