‘वाहन ने कितने नियम तोड़े, इस आधार पर तय हो बीमा प्रीमियम की राशि’; L-G सक्सेना का वित्तमंत्री को पत्र
L-G ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की साल 2023 की रिपोर्ट का जिक्र भी किया, जिसके अनुसार 60% घातक दुर्घटनाएं ऐसे वाहनों से हुई थीं, जिन पर पहले भी यातायात उल्लंघन, मुख्यतः ओवर-स्पीडिंग और रेड-लाइट जंपिंग के लिए जुर्माना लगा था।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखते हुए ट्रैफिक जुर्माने की संख्या को वाहनों के बीमा प्रीमियम से जोड़ने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि किसी भी वाहन की बीमा प्रीमियम की राशि को उस वाहन के खिलाफ दर्ज यातायात नियमों के उल्लंघनों की संख्या से जोड़ने सड़क हादसों में कमी आएगी। उपराज्यपाल का कहना है कि ऐसा करने से बीमा प्रीमियम की लागत बढ़ेगी और आर्थिक नुकसान के डर से लोग स्वतः ही यातायात नियमों का उल्लंघन करना कम कर देंगे और इससे हर साल होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
सड़क हादसों में हुई मौतों की संख्या बताई
आगे उन्होंने लिखा, ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार, भारत में सन् 2022 में 4.37 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें लगभग 1.55 लाख लोगों की मौत हुई। सबसे खास बात यह है कि इन दुर्घटनाओं में से लगभग 70% हादसे ओवर-स्पीडिंग यानी तेज गति में वाहन चलाने की वजह से हुए, साथ ही रेड-लाइट जंपिंग जैसे उल्लंघन ने भी घातक दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय योगदान दिया।’
विश्व बैंक व दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट का जिक्र किया
आगे उन्होंने विश्व बैंक द्वारा किए गए दुर्घटना के आंकड़ों के विश्लेषण का जिक्र करते हुए बताया कि यातायात नियमों का लगातार उल्लंघन करने वाले वाहनों के घातक दुर्घटनाओं में शामिल होने की आशंका साफ ड्राइविंग रिकॉर्ड वाले वाहनों की तुलना में 40% तक ज्यादा रहती है।
इसके साथ ही अपने पत्र में उन्होंने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की साल 2023 की रिपोर्ट का जिक्र भी किया, जिसके अनुसार 60% घातक सड़क दुर्घटनाएं ऐसे वाहनों से हुई हैं, जिन पर पहले भी यातायात उल्लंघन, मुख्य रूप से ओवर-स्पीडिंग और रेड-लाइट जंपिंग के लिए जुर्माना लगाया जा चुका था। इस रिपोर्ट के अनुसार एक साल में 3 से ज्यादा ट्रैफिक चालान वाले वाहनों की भागीदारी गंभीर दुर्घटनाओं में ज्यादा पाई गई।
लगातार नियम तोड़ने वाले वाहनों से वसूलें ज्यादा प्रीमियम
आगे उन्होंने लिखा कि ट्रैफिक नियमों के लगातार उल्लंघन और दुर्घटनाओं के खतरे के बीच एक स्पष्ट संबंध है। इसलिए मैं एक सुझाव देना चाहता हूं कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के VAHAN डेटाबेस में दर्ज ट्रैफिक उल्लंघनों की पुनरावृत्ति और गंभीरता के आधार पर एक लेयर्ड बीमा प्रीमियम प्रणाली शुरू की जा सकती है। एक वाहन जिन्हें अक्सर ओवर-स्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग और खतरनाक ड्राइविंग जैसे अपराध करते हुए पाया जाता है, उन्हें उच्च बीमा प्रीमियम का भुगतान करने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। यह एक्शन बेहतर ड्राइविंग व्यवहार को प्रोत्साहित करेगा।
उपराज्यपाल ने लिखा कि ‘भारत में वाहन बीमा वित्त विभाग के दायरे में आता है, और इसलिए मैं आपके सम्मानित कार्यालय से भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के साथ चर्चा शुरू करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग करता हूं ताकि ऐसी प्रणाली को लागू करने के लिए एक रूपरेखा बनाई जा सके।’
‘हादसों में कमी आएगी, कंपनियों का बोझ कम होगा’
इसके फायदे बताते हुए उन्होंने लिखा, ‘बीमा प्रीमियम को यातायात उल्लंघनों से जोड़ने से न केवल बीमा लागत जोखिम के साथ एकरूप होगी, बल्कि लगातार दुर्घटनाओं से उत्पन्न होने वाले दावों के कारण बीमा कंपनियों पर वित्तीय बोझ भी कम होगा। यह बाजार-संचालित समाधान जिम्मेदार ड्राइविंग को प्रोत्साहित करेगा, और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने, जीवन बचाने और बीमा दावों के बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित करने में योगदान देगा।’ अपने पत्र के अंत में उन्होंने लिखा, ‘मैं इस प्रस्ताव पर आपके दयालु विचार की आशा करता हूं।’
आठ बड़े व्यावसायिक भूखंडों की योजना लॉन्च
-20 हजार वर्ग मीटर से बड़े हैं भूखंड -पहली बार इन भूखंड के 40 प्रतिशत
नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। प्राधिकरण ने आठ बड़े व्यावसायिक भूखंड की योजना लॉन्च कर दी है। आवेदक इसमें गुरुवार से 14 नवंबर तक आवेदन कर सकेंगे। आवंटियों को भूखंड के 40 प्रतिशत हिस्से में आवासीय संपत्ति तैयार करने की सुविधा मिलेगी। अभी तक यह 30 प्रतिशत क्षेत्र इस श्रेणी में मिलता था। अधिकारियों ने बताया कि ये भूखंड सेक्टर-62, 96, 97, 98 और 105 में हैं। ये भूखंड 23570 से लेकर 41835 वर्ग मीटर तक के हैं। एरिया के हिसाब से सबसे छोटे भूखंड का रिजर्व प्राइज 403 करोड़ 65 लाख 87 हजार है, जबकि बड़े भूखंड का रिजर्व प्राइज 703 करोड़ 37 लाख 98 हजार रुपये है। भूखंड पाने के लिए इससे अधिक कीमत पर आवंटियों को बोली लगानी होगी। आवेदन करते समय रिजर्व प्राइज का 10 प्रतिशत हिस्सा पंजीकरण राशि के रूप में जमा करना होगा।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना से संबंधित जानकारी देने के लिए 14 अक्तूबर को प्री-बिड मीटिंग रखी गई है। इस योजना की सबसे महत्वपूर्ण खासियत है कि प्राधिकरण ने पहली बार मिक्स लैंड यूज के तहत इन भूखंड में 40 प्रतिशत हिस्से में आवासीय संपत्ति तैयार करने की छूट दी है। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही छोटे व्यावसायिक भूखंडों की योजना भी लॉन्च की जाएगी। ये शहर के अलग-अलग सेक्टरों में होंगे। गौरतलब है कि अभी दो दिन पहले ही प्राधिकरण ने छह होटल भूखंडों की योजना लॉन्च की थी। नवरात्रि में एक-दो और योजना लाने की तैयारी प्राधिकरण कर रहा है।
Pingback: उत्तराखंड में तीन फ्री सिलेंडर योजना का अब मिलेगा और फायदा, अंत्योदय परिवारों के लिए बढ़ाई तारीख
good job