टमाटर की बढ़ी कीमतों के बीच गुड न्यूज, दिल्ली-NCR में लगभग आधे दाम पर बेच रही सरकार
दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। आलम यह कि दिल्ली की सबसे बड़ी थोक मंडी आजादपुर सब्जी एवं फल मंडी में सोमवार को देसी टमाटर के दाम 80 से 85 रुपये प्रति किलोग्राम रहे। वहीं कॉलोनियों में टमाटर 100 से 110 रुपये प्रति किलोग्राम तक में बिक रहा है। इस बीच एक राहत देने वाली खबर सामने आई है। टमाटर की बढ़ती कीमतों से आम लोगों को राहत देने के लिए राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) ने सोमवार को मंडियों से सीधे टमाटर खरीदकर और उन्हें दिल्ली-एनसीआर के 50 स्थानों पर 65 रुपये प्रति किलो पर बेचा।
एनसीसीएफ की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इस पहल का मकसद उपभोक्ताओं को टमाटर की ऊंची कीमतों में हाल ही में हुई वृद्धि से बचाना और बिचौलियों को अप्रत्याशित लाभ से बचाना है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कृषि भवन में मोबाइल वैन और एनसीसीएफ खुदरा दुकानों के जरिये टमाटर की खुदरा बिक्री के लिए हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि हम टमाटर की कीमतों को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पहल से अगले 3 से 4 दिनों में टमाटर की कीमतों में कमी आएगी।
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बयान में कहा गया है कि मंडियों में अब अच्छी मात्रा में टमाटर की आवक होने लगी है। फिर भी हाल के हफ्तों में टमाटर की खुदरा कीमतों में गैरवाजिब बढ़ोतरी देखी गई है। बताया जाता है कि टमाटर की कीमतों में इजाफा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में लंबे समय तक बारिश की स्थिति के कारण हुआ है। बयान में यह भी कहा गया है कि मौजूदा त्योहारी सीजन में टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे बाजार में बिचौलियों की संभावित भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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वेजिटेबल ट्रेड एसोसिएशन के महासचिव अनिल मल्होत्रा ने बताया कि नासिक और रतलाम का टमाटर पूरे देश की आपूर्ति में बड़ा योगदान देती थी, लेकिन लगातार हुई बारिश के चलते फसलें बर्बाद हो गईं। इसकी वजह से भी आपूर्ति पर असर पड़ा है। राहत की बात यह कि हिमाचल प्रदेश से देसी टमाटर की आवक ने बाजार को संभाल रखा था। हालांकि इस क्षेत्र से अब दो से तीन दिन में एक बार ही सप्लाई मिल पा रही है। वेजिटेबल ट्रेड एसोसिएशन के महासचिव ने आपूर्ति प्रभावित होने को भी वजह माना है।